
भारत सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से विदेशी डिजिटल विज्ञापनों पर लगाए जाने वाले 6% ‘गूगल टैक्स’ को समाप्त करने का निर्णय लिया है। यह टैक्स, जिसे ‘इक्वलाइजेशन लेवी’ के रूप में जाना जाता है, 2016 में लागू किया गया था और इसका उद्देश्य गूगल, मेटा और अमेज़न जैसी विदेशी तकनीकी कंपनियों द्वारा प्रदान की जाने वाली ऑनलाइन विज्ञापन सेवाओं पर कर लगाना था
इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव को कम करना है, जिसने पहले इस टैक्स की आलोचना की थी और भारतीय निर्यातों पर जवाबी शुल्क लगाने की धमकी दी थी। भारत सरकार का यह कदम द्विपक्षीय व्यापार संबंधों में सुधार लाने और अमेरिकी तकनीकी कंपनियों के साथ व्यापार को सुगम बनाने की दिशा में उठाया गया है।
इस कर को हटाने से भारतीय व्यवसायों को डिजिटल विज्ञापन सेवाओं की लागत में कमी का लाभ मिलेगा, जिससे छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप्स को गूगल और मेटा जैसे प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन चलाने में आर्थिक राहत मिलेगी। यह निर्णय डिजिटल मार्केटिंग और ई-कॉमर्स क्षेत्र में वृद्धि को प्रोत्साहित करेगा।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह कदम भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में सुधार लाने और संभावित अमेरिकी टैरिफ से बचने के लिए उठाया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन देशों पर जवाबी टैरिफ लगाने की धमकी दी थी जिन्होंने अमेरिकी टेक कंपनियों पर डिजिटल कर लगाया था।
इस निर्णय से भारत में डिजिटल विज्ञापन क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, जिससे व्यवसायों को अपनी ऑनलाइन उपस्थिति बढ़ाने में सहायता मिलेगी